हाँ तो Avengers Endgame की बात कर रहे हैं हम यहाँ जिसे देखना मेरे लिए काफ़ी Adventurous था...इसे देखने से पहले इतनी हिदायतें दी गई कि मुझे याद नहीं कभी माँ होते हुए मैंने पुत्तर जी को उतनी दी होंगी ।हम भी हमारे इयर प्लग्स को लेकर आपातकालीन परिस्थितियों से निबटने को तैयार पर ..............
बेटे को बड़ा होते देखते हुए दो बातों को इस तरह जाना कि कॉमिक पढ़ने वाले बच्चे या तो मार्वल फ़ैन होते हैं या डी.सी(डिटेक्टिव कॉमिक्स) फ़ैन । दरअसल ये दोनों ही कॉमिक कंपनियाँ हैं जो जासूसी और रोमांच पैदा करने वाले कथानकों की सर्जना करते हैं ।इस हेतु वे अतिमानवीय किरदार /नायकों की सर्जना करते हैं ; जो बाल और नवयुवाओं को ख़ासा लुभाते हैं । यह यों मान और जान लीजिए कि डिटेक्टिव यूनिवर्स के सुपरहीरो सुपरमैन,बेटमैन , एक्वामैन, वंडरवुमेन हैं तो मार्वल के नायक आयरन मैन, कैप्टन अमेरिका, थॉर, हल्क, ब्लैक पैंथर आदि ...इत्यादि ।
मार्वल के सुपरहीरो की सर्जना लेखक स्टेन ली ने की है ; इन किरदारों को लेकर लिखे गए ये कॉमिक्स ख़ासा चर्चित रहे हैं ...अभी भी हैं । मेरी जैसी माँओं ने स्टेन ली के इन नायकों को खूब छिपाया है और सर पकड़ा है जब अलमारी , स्टडी टेबल,पुस्तकों पर जब -तब इन्हें प्रकट होते देखा है।
बहरहाल #Avengers_Endgame मार्वल स्टूडियो की 22 वीं सुपरहीरो फ़िल्म है; जिसकी शुरूआत Iron Man के साथ 2008 में होती है। इसके बाद की फ़िल्म -शृंखला में विभिन्न अतिमानवीय नायकों को सिनेपटल पर कहानी-दर-कहानी उतारा गया है । इनमें Hulk , Thor, Iron Man 2,Captain America, Guardians of the galaxies,Spider man , Avengers Infinity War लोकप्रिय रहीं । Avengers Endgame का इंतज़ार जिस बेसब्री से युवा होते बालक कर रहे थे ये उनके संरक्षक ही समझ सकते हैं और यों इन किरदारों और फ़िल्म के रोचक होने का अंदाज़ा भी सहज ही लगाया जा सकता है।
फ़िल्म पर बात करने से पहले इस शृंखला की पहली फ़िल्म और इस शृंखला की स्थापन कड़ी मार्वल के बारे में जानना ज़रूरी है । मार्वल का प्रारम्भ 1939 में टाइमली कॉमिक्स के रूप में हुआ , 1998 में इसी नाम से मार्वल एंटरटेनमेंट कंपनी का प्रारम्भ हुआ और 2005 में मार्वल स्टूडियो का प्रारम्भ हुआ । कंपनी ने मेरिल लिंच के साथ साथ कई अहम क़रार कर मार्वल स्टूडियो का प्रारम्भ किया ;जिनमें मार्वल के 10 कॉमिक पात्रों के अधिकार भी गिरवी रखना शामिल था । चकित करने वाली बात यहाँ यह है कि पहली फ़िल्म का किरदार आयरन मैन इन दस पात्रों में शामिल नहीं था लिहाज़ा मार्वल के सामने इस फ़िल्म के लिए धन जुटाना एक बड़ी समस्या रही। मार्वल के मालिकों ने अपनी संपत्ति गिरवी रख कर इस फ़िल्म के लिए येन-केन-प्रकारेण धन जुटाया ।
आयरन मैन फ़िल्म के नायक राबर्ट डाउनी जूनियर के लिए भी यह फ़िल्म बहुत महत्त्वपूर्ण थी ; क्योंकि डाउनी उस समय जीवन के झंझावातों से जूझ रहे थे।डाउनी ड्रग्स और अन्य अनैतिक कृत्यों के चलते अवसाद में थे और जीवन की उठापठक को झेल रहे थे। यही कारण है कि इस फ़िल्म की सफलता मार्वल के साथ-साथ स्वयं आयरन मैन के लिए भी महत्त्वपूर्ण थी। सुखद रहा कि तमाम संघर्षों के बाद फ़िल्म आई और वह इस अपरिहार्य सफलता को स्टूडियो तक पहुँचाने में कामयाब रही।
कितना व्यापार और मुनाफ़ा हुआ इसके आँकड़े अन्तर्जाल पर मौजूद हैं पर इस सफलता के बाद डिज़्नी ने मार्वल का अधिग्रहण कर लिया। डिज्नी अमेरिका की मल्टीमेशनल मास मीडिया कंपनी है जिसके उत्पादनों से सिनेपटल और हम-आप भली-भाँति वाक़िफ़ है।
लब्बोलुआब और चेतावनी यह है कि Avengers Endgame यदि आप पूर्वपीठिका को जानकर देखने जाते हैं तो कुछ आसान हो जाती है ;नहीं तो सिरे जोड़ने में आप साथ बैठे साथी को परेशान कर उसके क्रोध का शिकार भी हो सकते हैं।
इस फ़िल्म में धरा को और विभिन्न ग्रहों को बचाने के प्रयास हैं ; कुछ बेहद ज़रूरी चिंताएँ हैं । ये चिंताएँ काल्पनिक प्रतिनायकों द्वारा रची गई हैं जिनमें थानोस Thanos प्रमुख है। Thanos को आलोचकों ने Necessary Evil ;अनिवार्य शत्रु की संज्ञा दी है । थानोस आधी दुनिया और बसाहटों को सिर्फ़ इसलिए मिटा देना चाहता है कि संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा/ प्रतिद्वन्द्विता समाप्त हो । कि मानवीय संघर्ष समाप्त हो ;वह दुनिया को अपने ही तरीक़े से चलाना चाहता है और अपने उत्तराधिकारी को जहां की मिल्कियत सौंपना चाहता है ।इस साज़िश में उसकी चाहना में उसके साथ उसकी एक पूरी सेना है जो उसकी इस नकारात्मक परियोजना पर काम भी करती है ताकि प्रतिद्वंद्विता न हो , संघर्ष न हो ।हालाँकि इस रोक का ,मानवीय संहार का अपना मनोविज्ञान है ।दूसरी तरफ़ सच्चाई और अच्छाई की प्रतीक एवेंजर्स की टोली है जो इस दुनिया को बचाना चाहती है ;जो रिक्तियों को लेकर चिंतित है ;जो उस भरावन को लाना चाहती है जो बीत चुकी है , जो मानवीय उपस्थितियों को हरा करना चाहती है और जो ताबूतों पर अफ़सोस करती है।
फ़िल्म में अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् की ही तर्ज़ पर स्व से ऊपर उठने की बात कही गई है । Thanos और एवेंजर्स के बीच के संघर्ष के इस कथानक में अनेक रोचक कथाएँ हैं ,बिछड़ने की त्रासदी है ; अमरत्व और चिरयुवा रहने की सहूलियत को त्याग देने का जज़्बा है , मानव के सकारात्मकता के चरम पर पहुँच कर ईश्वरीय शक्ति प्राप्त करने का हौंसला ( थोर के हैमर प्रसंग) है और सुकून देता यह वाक्य भी है कि “Iron man has a heart”; हालाँकि इन सभी सूत्रों की अपनी अंतर्कथाएँ हैं जो फ़िल्म को देखने पर ही समझी जा सकती है ।
फि़लवक्त इसकी रोचकता के सम्बन्ध में इतना ही कहना पर्याप्त है कि आप अगर हिंदी सिनेमा और कलात्मक सिनेमा के दर्शक हैं और फिर भी अगर ज़बरन इस फ़िल्म को देखने जाएँ तो आप इसे पूरा देखने पर एक तसल्ली और रोमांच ज़रूर महसूस करेंगे। बाकि तो सिनेपटल स्वयं गवाही दे ही रहे हैं कि जोश कैसा है ।
#फिल्मीबातें
#Avengers_Endgame
विमलेश शर्मा
चित्र -गूगल
Post credit- @ Aayush Bharadwaj
बेटे को बड़ा होते देखते हुए दो बातों को इस तरह जाना कि कॉमिक पढ़ने वाले बच्चे या तो मार्वल फ़ैन होते हैं या डी.सी(डिटेक्टिव कॉमिक्स) फ़ैन । दरअसल ये दोनों ही कॉमिक कंपनियाँ हैं जो जासूसी और रोमांच पैदा करने वाले कथानकों की सर्जना करते हैं ।इस हेतु वे अतिमानवीय किरदार /नायकों की सर्जना करते हैं ; जो बाल और नवयुवाओं को ख़ासा लुभाते हैं । यह यों मान और जान लीजिए कि डिटेक्टिव यूनिवर्स के सुपरहीरो सुपरमैन,बेटमैन , एक्वामैन, वंडरवुमेन हैं तो मार्वल के नायक आयरन मैन, कैप्टन अमेरिका, थॉर, हल्क, ब्लैक पैंथर आदि ...इत्यादि ।
मार्वल के सुपरहीरो की सर्जना लेखक स्टेन ली ने की है ; इन किरदारों को लेकर लिखे गए ये कॉमिक्स ख़ासा चर्चित रहे हैं ...अभी भी हैं । मेरी जैसी माँओं ने स्टेन ली के इन नायकों को खूब छिपाया है और सर पकड़ा है जब अलमारी , स्टडी टेबल,पुस्तकों पर जब -तब इन्हें प्रकट होते देखा है।
बहरहाल #Avengers_Endgame मार्वल स्टूडियो की 22 वीं सुपरहीरो फ़िल्म है; जिसकी शुरूआत Iron Man के साथ 2008 में होती है। इसके बाद की फ़िल्म -शृंखला में विभिन्न अतिमानवीय नायकों को सिनेपटल पर कहानी-दर-कहानी उतारा गया है । इनमें Hulk , Thor, Iron Man 2,Captain America, Guardians of the galaxies,Spider man , Avengers Infinity War लोकप्रिय रहीं । Avengers Endgame का इंतज़ार जिस बेसब्री से युवा होते बालक कर रहे थे ये उनके संरक्षक ही समझ सकते हैं और यों इन किरदारों और फ़िल्म के रोचक होने का अंदाज़ा भी सहज ही लगाया जा सकता है।
फ़िल्म पर बात करने से पहले इस शृंखला की पहली फ़िल्म और इस शृंखला की स्थापन कड़ी मार्वल के बारे में जानना ज़रूरी है । मार्वल का प्रारम्भ 1939 में टाइमली कॉमिक्स के रूप में हुआ , 1998 में इसी नाम से मार्वल एंटरटेनमेंट कंपनी का प्रारम्भ हुआ और 2005 में मार्वल स्टूडियो का प्रारम्भ हुआ । कंपनी ने मेरिल लिंच के साथ साथ कई अहम क़रार कर मार्वल स्टूडियो का प्रारम्भ किया ;जिनमें मार्वल के 10 कॉमिक पात्रों के अधिकार भी गिरवी रखना शामिल था । चकित करने वाली बात यहाँ यह है कि पहली फ़िल्म का किरदार आयरन मैन इन दस पात्रों में शामिल नहीं था लिहाज़ा मार्वल के सामने इस फ़िल्म के लिए धन जुटाना एक बड़ी समस्या रही। मार्वल के मालिकों ने अपनी संपत्ति गिरवी रख कर इस फ़िल्म के लिए येन-केन-प्रकारेण धन जुटाया ।
आयरन मैन फ़िल्म के नायक राबर्ट डाउनी जूनियर के लिए भी यह फ़िल्म बहुत महत्त्वपूर्ण थी ; क्योंकि डाउनी उस समय जीवन के झंझावातों से जूझ रहे थे।डाउनी ड्रग्स और अन्य अनैतिक कृत्यों के चलते अवसाद में थे और जीवन की उठापठक को झेल रहे थे। यही कारण है कि इस फ़िल्म की सफलता मार्वल के साथ-साथ स्वयं आयरन मैन के लिए भी महत्त्वपूर्ण थी। सुखद रहा कि तमाम संघर्षों के बाद फ़िल्म आई और वह इस अपरिहार्य सफलता को स्टूडियो तक पहुँचाने में कामयाब रही।
कितना व्यापार और मुनाफ़ा हुआ इसके आँकड़े अन्तर्जाल पर मौजूद हैं पर इस सफलता के बाद डिज़्नी ने मार्वल का अधिग्रहण कर लिया। डिज्नी अमेरिका की मल्टीमेशनल मास मीडिया कंपनी है जिसके उत्पादनों से सिनेपटल और हम-आप भली-भाँति वाक़िफ़ है।
लब्बोलुआब और चेतावनी यह है कि Avengers Endgame यदि आप पूर्वपीठिका को जानकर देखने जाते हैं तो कुछ आसान हो जाती है ;नहीं तो सिरे जोड़ने में आप साथ बैठे साथी को परेशान कर उसके क्रोध का शिकार भी हो सकते हैं।
इस फ़िल्म में धरा को और विभिन्न ग्रहों को बचाने के प्रयास हैं ; कुछ बेहद ज़रूरी चिंताएँ हैं । ये चिंताएँ काल्पनिक प्रतिनायकों द्वारा रची गई हैं जिनमें थानोस Thanos प्रमुख है। Thanos को आलोचकों ने Necessary Evil ;अनिवार्य शत्रु की संज्ञा दी है । थानोस आधी दुनिया और बसाहटों को सिर्फ़ इसलिए मिटा देना चाहता है कि संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा/ प्रतिद्वन्द्विता समाप्त हो । कि मानवीय संघर्ष समाप्त हो ;वह दुनिया को अपने ही तरीक़े से चलाना चाहता है और अपने उत्तराधिकारी को जहां की मिल्कियत सौंपना चाहता है ।इस साज़िश में उसकी चाहना में उसके साथ उसकी एक पूरी सेना है जो उसकी इस नकारात्मक परियोजना पर काम भी करती है ताकि प्रतिद्वंद्विता न हो , संघर्ष न हो ।हालाँकि इस रोक का ,मानवीय संहार का अपना मनोविज्ञान है ।दूसरी तरफ़ सच्चाई और अच्छाई की प्रतीक एवेंजर्स की टोली है जो इस दुनिया को बचाना चाहती है ;जो रिक्तियों को लेकर चिंतित है ;जो उस भरावन को लाना चाहती है जो बीत चुकी है , जो मानवीय उपस्थितियों को हरा करना चाहती है और जो ताबूतों पर अफ़सोस करती है।
फ़िल्म में अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् की ही तर्ज़ पर स्व से ऊपर उठने की बात कही गई है । Thanos और एवेंजर्स के बीच के संघर्ष के इस कथानक में अनेक रोचक कथाएँ हैं ,बिछड़ने की त्रासदी है ; अमरत्व और चिरयुवा रहने की सहूलियत को त्याग देने का जज़्बा है , मानव के सकारात्मकता के चरम पर पहुँच कर ईश्वरीय शक्ति प्राप्त करने का हौंसला ( थोर के हैमर प्रसंग) है और सुकून देता यह वाक्य भी है कि “Iron man has a heart”; हालाँकि इन सभी सूत्रों की अपनी अंतर्कथाएँ हैं जो फ़िल्म को देखने पर ही समझी जा सकती है ।
फि़लवक्त इसकी रोचकता के सम्बन्ध में इतना ही कहना पर्याप्त है कि आप अगर हिंदी सिनेमा और कलात्मक सिनेमा के दर्शक हैं और फिर भी अगर ज़बरन इस फ़िल्म को देखने जाएँ तो आप इसे पूरा देखने पर एक तसल्ली और रोमांच ज़रूर महसूस करेंगे। बाकि तो सिनेपटल स्वयं गवाही दे ही रहे हैं कि जोश कैसा है ।
#फिल्मीबातें
#Avengers_Endgame
Directed by -Anthony and Joe Russo
written by -Christopher Markus and Stephen McFeely
written by -Christopher Markus and Stephen McFeely
विमलेश शर्मा
चित्र -गूगल
Post credit- @ Aayush Bharadwaj
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