Saturday, February 10, 2018

Kierkegaard

My sorrow in my castle, built like an eagle's nest, upon the peak of mountain lost in clouds.

When I am sunk in the deepest suffering of melancholy, one thought or another becomes so knotted for me that I cannot loosen it, and since it is related to my own existence, I suffer indescribably. And then when a little time has paned, the abscess and inside lies the richest and most wonderful material for work.

- Kierkgaard

मेरे दु:ख मेरे किले में इस तरह बँधे हैं जैसे बादलों के धुंधलके में गुम हुई किसी पर्वत की उत्तुंग चोटी पर किसी चील का घोंसला।

जब भी मैं गहन उदासी  और वेदना की पगडंडियों से गुज़रता हूँ तो वेदना की ये परतें परस्पर इतनी गूँथी होती है कि मैं इन्हें खोल नहीं पाता।
 ये पल और परतें चूँकि मेरे अस्तित्व और स्मृतियों से जुड़ी हैं इसीलिए में असह्य कष्ट  से गुज़रता हूँ। वक़्त की ये किरचें ही  मेरी रिक्तता पर चोट कर मुझे अलहदा और अमीर बनाती हैं और ये ही मेरे काम के लिए बेहतरीन ज़मीन भी तैयार करती हैं।

#Kierkegaard
अनुवाद
~विमलेश

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